खुशी
- संजीव जिंदल (साइकिल बाबा)
- Sep 29, 2020
- 2 min read
खुशी खरीदने निकले थे वो
क्रेडिट कार्ड था जेब मे
पुरा माल घूम आए वो
उन्हे क्या पता
खुशी जा छुपी थी
गरीब के झोपडे मे !
दोस्तो खुशी का सीधा सा रिलेशन आपकी संतुष्टी से है न कि आपके पास कितना पैसा है। नीचे आप फोटो मे एक मजदूर के चेहरे पर जो खुशी देख रहे हो ऐसी खुशी किसी धनाढय औरत के चेहरे पर आपने कभी देखी है क्या ? चलो मै आपको एक धनाढय औरत के दर्शन करवाता हूं। सुबह के आठ बजे है, आप मेरे पीछे पीछे बहुत धीरे धीरे आऔ। हम लोग धनाढय औरत के घर मे घुस रहे है। बिल्कुल शोर नही होना चाहिए, उसे पता नही चलना चाहिए कि कोई अंदर आया है नही तो वो Artificial Smile मार देगी। दो बच्चो को जैसे तैसे स्कूल भेजकर धनाढय औरत Lobby मे सोफे पर बैठी है। आप लोग मेरे साथ सांस रोकर चुपचाप खडे रहे, काम वाली बाई का फोन आने वाला है। मैडम के फोन पर घंटी बजती है -- राधे राधे जपो चले आएगे बिहारी। मैडम ने फोन उठाया, उधर से आवाज आती है -- मैडम आज हम आ नही पाएगे हमारी लडकी को देखने वाले आ रहे है। फोन क्या आया प्रलय आ गई। अरे देखो मैडम के चेहरे पर हवाईया उडते देखो। जैसे अमेरिका ने न्यूक्लीयर बम्ब गिरा दिया हो। बडबडाना शुरू। आज ही आना था लडकी देखने वालो को। इनके दोस्तो को भी कल रात ही आना था हमारे चाय पीने। इतने बर्तन हो गए है, कौन मांजेगा इन्हे। मेरी भी किट्टी पार्टी है आज। क्या क्या करू मै। पतिदेव अंदर चुपचाप दूकान पर जाने के लिए तैयार हो रहे है। बहुत ही सतर्क है वो, कही कुछ गिर न जाए। नाश्ता मिलने का तो सवाल ही नही। सोच रहे है कि Kipps के बाहर दो खश्ता खा लूगा, बस जल्दी से 9:30 बज जाए और मै जाऊ। धीरे-धीरे मैडम के चेहरे पर सुजन आ रही है। आंखो से अंगारे बरशने शुरू हो गए है, चलो हमलोग भी निकल ले कही कामवाली का गुस्सा हम पर ही न निकल जाए। देखा दोस्तो आपने फर्क, एक मजदूरन धान लगाकर, मेहनत करके भी खुश है और मैडम -- बहुत कह दिया और नही कहूगां मैडम के बारे मे। HAPPINESS IS INTERNAL SATISFACTION ONLY. ENJOY HAPPINESS AND ENJOY EVERY MOMENT.

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